LPG Gas Price 1 September: सितंबर की शुरुआत हर साल कुछ नई उम्मीदें और कुछ नई चुनौतियां लेकर आती है। इस बार भी 1 सितंबर से घर के खर्चों पर सीधा असर डालने वाला बदलाव हो रहा है। LPG गैस की कीमतों में उतार चढ़ाव आम आदमी की जेब को हमेशा से प्रभावित करता रहा है। क्योंकि यह सिर्फ एक सिलेंडर की कीमत नहीं बल्कि रसोई का पूरा बजट तय करता है। सुबह की चाय से लेकर रात के खाने तक हर घर में LPG सिलेंडर की अहमियत है। ऐसे में 1 सितंबर से लागू होने वाली नई LPG गैस प्राइस ने लोगों की धड़कनें तेज कर दी हैं।
LPG सिलेंडर की नई कीमतें
तेल कंपनियां हर महीने की शुरुआत में LPG सिलेंडर की कीमतों की समीक्षा करती हैं। सितंबर में भी घरेलू और व्यावसायिक गैस सिलेंडर की दरों में बदलाव किया गया है। इस बार घरेलू सिलेंडर की कीमतों में कुछ शहरों में बढ़ोतरी देखने को मिली है जबकि कुछ जगह पर राहत भी मिली है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल और गैस की कीमतों में लगातार हो रहे उतार चढ़ाव का असर सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचता है।
घरेलू रसोई पर असर
LPG की कीमतें बढ़ने का मतलब है कि घर के मासिक बजट पर बोझ बढ़ना। एक मध्यमवर्गीय परिवार के लिए जहां पहले ही राशन बिजली और बच्चों की पढ़ाई पर खर्च ज्यादा हो रहा है वहां गैस सिलेंडर महंगा होना चिंता का कारण बन जाता है। खासकर उन गृहणियों के लिए जो हर महीने के खर्च को बड़ी मेहनत से संतुलित करती हैं।
सरकार की सब्सिडी योजना
सरकार समय समय पर उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए LPG सब्सिडी की सुविधा देती है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत गरीब परिवारों को सब्सिडी वाला सिलेंडर दिया जाता है। 1 सितंबर के बाद भी जिन परिवारों के खाते में सब्सिडी ट्रांसफर होती है उन्हें थोड़ा राहत जरूर मिलेगी। लेकिन गैर सब्सिडी वाले उपभोक्ताओं के लिए कीमतें जेब पर भारी पड़ सकती हैं।
व्यावसायिक सिलेंडर का असर
केवल घरेलू उपभोक्ता ही नहीं बल्कि होटल ढाबे और रेस्टोरेंट भी LPG सिलेंडर की कीमतों पर नजर रखते हैं। व्यावसायिक सिलेंडर महंगा होने से सीधे खाने पीने की चीजों की कीमतों में इजाफा हो सकता है। आम आदमी को यह असर बाहर खाने पर अधिक बिल चुकाने के रूप में देखने को मिलेगा।
लोगों की प्रतिक्रिया क्या हो सकती हैं?
आम लोग LPG सिलेंडर की कीमतों को लेकर हमेशा संवेदनशील रहते हैं। सोशल मीडिया पर लोग लगातार अपनी नाराजगी और उम्मीदें व्यक्त कर रहे हैं। कोई कह रहा है कि सरकार को रोजमर्रा की जरूरत की चीजों पर टैक्स और चार्ज कम करने चाहिए तो कोई यह उम्मीद कर रहा है कि आने वाले महीनों में कीमतें फिर से नीचे आएंगी।